लेखक – दिपेन्द्र चौधरी पहाडी है या मधेसी ये सच बता ही देंगे पूछेगी जब अदालत पत्थर गवाही देंगे हम जोड़ने के क़ायल तुम तोड़ने में माहिर देशवासी तुमको माना और तुमने हमको काफिर बस ये बता दो ख़ंजर क्यूँ पीठ में उतारा क्यूँ स्वाभिमान तोड़ा नश्वालवाद के नाम पे मधेस को क्यूँ उजाड़ा दुर्गानन्द झा का जुर्म क्या था रमेश महतो ने क्या किया था मधेशीयों को राष्ट्रिता से नश्लावादीयों ने वन्चित क्यूँ किया था दो सौं पचहत्तर साल हमने यही सोचते गुज़ारे क्यूँ गर्दनें उतारीं क्यूँ फूंके घर हमारे सारी जवाबदेही तय होगी धीरे धीरे हर-हर का नाद होगा वाणगंगा नदी के तीरे सोया हुआ स्वाभिमान चैतन्य है सजग है वो वक्त कुछ अलग था ये वक्त कुछ अलग है क़ब्रों से खींचकर हम लाएँगे सच तुम्हारे आएँगे कटघरे में नश्लवादी सारे सारा हिसाब इक दिन ज़िल्ले इलाही देंगे पूछेगी जब अदालत पत्थर गवाही देंगे! राष्ट्रिय दैनिक राष्ट्रिय दैनिक एक लोकप्रिय नेपाली समाचार पोर्टल हो। हामी सत्य तथ्य निश्पक्ष र सन्तुलित समाचार सम्प्रेषण गर्ने तर्फ उद्दत छौँ । हाम्रा टोल,समाज, शहर वा आम जनताका चुलो चौको देखि सदन सम्म अथवा समाजका उदाहरणीय ब्यक्ति, रास्ट्रका पहरेदार हरेक बिषय हाम्रा समाचारका श्रोत हुन् । आवाज बिहिनहरुको आवाजमा साथ अनि सरकारको बेथितिमा हाम्रो निगरानी हुनेछ । हामी राजनितीको रंग भर्दैनौं तर राजनितीको चेतना अवश्य भर्ने छौं ।